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निशामेह: लक्षण, कारण, निदान और उपचार

निशामेह: लक्षण, कारण, निदान और उपचार

निशामेह

निशामेह (Type 2 Diabetes) एक ऐसी गंभीर बीमारी है, जो शरीर में रक्त शर्करा (ग्लूकोज) के स्तर को अधिक बना देती है। यह बीमारी एक लंबे समय तक शरीर में बिना किसी लक्षण के विकसित हो सकती है और इसे नियंत्रित न किया जाए तो यह कई जटिलताओं का कारण बन सकती है। इस लेख में हम निशामेह के लक्षण, कारण, निदान, और उपचार के बारे में विस्तार से जानेंगे।

निशामेह के लक्षण

निशामेह के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और अक्सर व्यक्ति को शुरू में इसका एहसास नहीं होता। प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:

  1. अधिक प्यास लगना – शरीर में अधिक शर्करा की मात्रा होने के कारण, किडनी अधिक पानी की जरूरत महसूस करती है, जिससे बार-बार प्यास लगती है।
  2. अक्सर पेशाब आना – अधिक पानी पीने के कारण अधिक पेशाब आना आम है।
  3. थकान महसूस होना – शरीर में ऊर्जा की कमी और शर्करा का सही तरीके से उपयोग न होने के कारण थकावट महसूस हो सकती है।
  4. धुंधली दृष्टि – रक्त शर्करा का उच्च स्तर आंखों में प्रभाव डाल सकता है, जिससे दृष्टि धुंधली हो सकती है।
  5. वजन का कम होना – अगर शरीर शर्करा का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पा रहा है तो वजन कम हो सकता है।
  6. घावों का धीरे-धीरे ठीक होना – उच्च रक्त शर्करा के कारण घावों का ठीक होना धीमा हो जाता है।
  7. त्वचा में संक्रमण और खुजली – शरीर में शर्करा के अधिक स्तर के कारण त्वचा पर संक्रमण या खुजली हो सकती है।

निशामेह के कारण

निशामेह के कारणों में कई कारक शामिल होते हैं। ये कारण जीन, लाइफस्टाइल और पर्यावरणीय प्रभावों के संयोजन से होते हैं। प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  1. जीन और पारिवारिक इतिहास – यदि परिवार में किसी को निशामेह है तो आपके इसके होने का जोखिम बढ़ जाता है।
  2. अधिक वजन – अत्यधिक वजन या मोटापा, खासकर पेट के आसपास के फैट, शरीर में इंसुलिन की प्रतिक्रिया को प्रभावित करता है।
  3. कम शारीरिक गतिविधि – शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं रहने से शरीर में इंसुलिन के प्रति प्रतिक्रिया घट जाती है।
  4. उम्र – उम्र के साथ भी निशामेह का जोखिम बढ़ता है, खासकर 45 वर्ष के बाद।
  5. हाइपरटेंशन और उच्च कोलेस्ट्रॉल – उच्च रक्तचाप और उच्च कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने से भी निशामेह का खतरा बढ़ता है।
  6. गर्भावस्था में डायबिटीज – गर्भावस्था के दौरान डायबिटीज की समस्या (गेस्टेशनल डायबिटीज) होने पर बाद में निशामेह का खतरा बढ़ सकता है।

निशामेह का निदान

निशामेह का निदान विभिन्न रक्त परीक्षणों द्वारा किया जाता है। कुछ प्रमुख परीक्षणों में शामिल हैं:

  1. हिमोग्लोबिन A1c टेस्ट – यह रक्त में पिछले 2-3 महीनों में औसत शर्करा स्तर को मापता है।
  2. फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट – यह परीक्षण सुबह खाली पेट रक्त में शर्करा का स्तर मापता है।
  3. ऑरल ग्लूकोस टॉलरेंस टेस्ट (OGTT) – इस परीक्षण में व्यक्ति को शर्करा का घोल दिया जाता है, और फिर रक्त में शर्करा स्तर को समय-समय पर मापा जाता है।
  4. रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट – यह किसी भी समय रक्त में शर्करा का स्तर मापता है, लेकिन यह डायबिटीज के निदान के लिए पर्याप्त नहीं होता।

निशामेह का उपचार

निशामेह का उपचार जीवनशैली में बदलाव और चिकित्सा के संयोजन से होता है। उपचार का मुख्य उद्देश्य रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करना और संभावित जटिलताओं से बचना है।

  1. आहार में बदलाव – संतुलित आहार लेना निशामेह के नियंत्रण के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। इसे मुख्यतः कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जैसे कि सब्जियां, फल, साबुत अनाज और प्रोटीन।
  2. वजन घटाना – यदि आपका वजन अधिक है तो उसे कम करने से रक्त शर्करा के स्तर में सुधार हो सकता है।
  3. शारीरिक गतिविधि – नियमित व्यायाम, जैसे कि योग, दौड़ना, तैराकी, और साइक्लिंग, रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
  4. दवाइयां – यदि आहार और व्यायाम से रक्त शर्करा नियंत्रण में नहीं आता, तो डॉक्टर दवाइयां जैसे कि मेटफॉर्मिन, इंसुलिन, या अन्य दवाएं लिख सकते हैं।
  5. इंसुलिन थेरेपी – कुछ मामलों में इंसुलिन का इंजेक्शन लेने की जरूरत होती है, खासकर अगर शरीर का इंसुलिन उत्पादन बहुत कम हो।

इंदौर में इलाज और डॉक्टर की सलाह

इंदौर में डॉक्टर से परामर्श करने और इलाज करवाने से निशामेह के लक्षणों को जल्दी पहचानने और नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। यदि आपको निशामेह के लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो इंदौर में इलाज करवाने के लिए एक विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलना अत्यंत आवश्यक है। सही समय पर इलाज से इस रोग से बचाव और नियंत्रण संभव है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. निशामेह (Type 2 Diabetes) क्या है?
    निशामेह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। यह बीमारी इंसुलिन के प्रभावी तरीके से कार्य नहीं करने के कारण होती है, जिससे शरीर में शर्करा का स्तर उच्च हो जाता है।
  2. निशामेह के लक्षण क्या होते हैं?
    निशामेह के सामान्य लक्षणों में अत्यधिक प्यास, बार-बार पेशाब आना, थकान, धुंधली दृष्टि, वजन कम होना, और घावों का धीमा उपचार शामिल हैं।
  3. निशामेह का इलाज कैसे किया जाता है?
    निशामेह का इलाज जीवनशैली में बदलाव, आहार सुधार, नियमित शारीरिक गतिविधि, और दवाइयों के संयोजन से किया जाता है। कुछ मामलों में इंसुलिन का उपयोग भी किया जा सकता है।
  4. क्या निशामेह का इलाज पूरी तरह से संभव है?
    निशामेह का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन इसे उचित उपचार, जीवनशैली सुधार, और आहार पर ध्यान देकर नियंत्रित किया जा सकता है।
  5. निशामेह के जोखिम को कैसे कम किया जा सकता है?
    सही आहार, नियमित व्यायाम, वजन नियंत्रण, और मानसिक तनाव कम करने से निशामेह के जोखिम को कम किया जा सकता है। साथ ही, नियमित स्वास्थ्य जांच भी आवश्यक है।

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