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पूति: लक्षण, कारण, निदान और उपचार

पूति: लक्षण, कारण, निदान और उपचार

पूति, जिसे अंग्रेजी में “Halitosis” कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति के मुंह से अप्रिय गंध आती है। यह समस्या किसी भी आयु वर्ग के लोगों को हो सकती है और यह शारीरिक तथा मानसिक दोनों रूप से प्रभावित कर सकती है। यह एक सामान्य समस्या है, लेकिन इसे हल्के में लेना भी सही नहीं है। समय रहते उपचार और निदान के जरिए इस समस्या से निजात पाई जा सकती है।

इस लेख में हम पूति के लक्षण, कारण, निदान और उपचार के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, ताकि इस समस्या से संबंधित सभी पहलुओं को समझा जा सके।

पूति के लक्षण

पूति के मुख्य लक्षण मुंह से आ रही बदबू हैं, लेकिन इसके अन्य संकेत भी हो सकते हैं, जैसे:

  1. अत्यधिक थूक: मुंह में अत्यधिक लार का आना और लार का गाढ़ा होना।
  2. स्वाद की कमी: कई बार व्यक्ति को अपने मुंह में खराब स्वाद महसूस हो सकता है।
  3. सूखा मुंह: मुंह में अत्यधिक सूखापन महसूस होना।
  4. दांतों में प्लाक: दांतों में किटाणुओं का जमा होना, जो बदबू का कारण बनता है।
  5. मसूड़ों में सूजन या रक्तस्राव: मसूड़े सूज सकते हैं और खून बह सकता है, जो पूति का संकेत हो सकता है।

पूति के कारण

पूति के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ सामान्य कारणों को निम्नलिखित रूप में समझा जा सकता है:

1. दांतों की समस्याएं

  • प्लाक और कैविटी: दांतों पर गंदगी और बैक्टीरिया जमा होने से खराब गंध उत्पन्न होती है।
  • मसूड़ों की बीमारी: मसूड़ों में सूजन और इन्फेक्शन भी मुंह से बदबू का कारण बन सकता है।
  • गलत दंत स्वच्छता: अगर दांतों को सही से साफ नहीं किया जाता, तो भी मुंह से गंदगी और बैक्टीरिया जमा हो सकते हैं।

2. मुँह का सूखापन

  • यदि मुंह में पर्याप्त लार का उत्पादन नहीं होता, तो इससे भी बदबू पैदा हो सकती है। यह स्थिति कुछ दवाओं, शारीरिक समस्याओं या देह की निर्जलीकरण से उत्पन्न हो सकती है।

3. पाचन समस्याएं

  • पेट की समस्याएं जैसे गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज (GERD) या पेट के अल्सर भी मुंह से बदबू का कारण बन सकते हैं। इसमें एसिड वापस गले तक आता है, जिससे गंध उत्पन्न होती है।

4. स्मोकिंग और तंबाकू का सेवन

  • तंबाकू और सिगरेट का सेवन ना सिर्फ दांतों पर प्लाक जमा करता है, बल्कि यह मुँह की गंध को भी खराब कर सकता है।

5. सूजन या संक्रमण

  • मुंह में कोई घाव, मसूड़ों का संक्रमण या और किसी प्रकार का इन्फेक्शन भी गंध उत्पन्न कर सकता है।

6. बेहतर पोषण की कमी

  • अगर शरीर में पोषण की कमी हो, जैसे कि विटामिन B और C की कमी, तो इससे भी बदबू आ सकती है।

7. सिस्टमेटिक बीमारियाँ

  • किडनी की समस्याएं: खराब किडनी के कारण अमोनिया जैसी बदबू आ सकती है।
  • डायबिटीज: अगर शुगर का स्तर नियंत्रित नहीं रहता, तो यह मुंह से फलों जैसी गंध उत्पन्न कर सकता है।
  • लिवर डिसफंक्शन: लिवर के सही तरीके से काम न करने पर भी बदबू उत्पन्न हो सकती है।

पूति का निदान

पूति के निदान के लिए डॉक्टर द्वारा कई प्रकार की प्रक्रियाएं की जा सकती हैं। इसमें निम्नलिखित विधियां शामिल हो सकती हैं:

  1. मेडिकल इतिहास और शारीरिक जांच: डॉक्टर आपके इतिहास को जानने के बाद शारीरिक जांच करता है। इसमें मुंह, मसूड़े, दांतों की स्थिति का निरीक्षण किया जाता है।
  2. स्वांस की गंध की पहचान: डॉक्टर स्वांस की गंध की पहचान करने के लिए विशेष यंत्रों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि एक “वोलाटाइल सल्फर कंपाउंड” (VSC) मीटर।
  3. प्लाक और कैविटी की जांच: दांतों में प्लाक या किसी भी प्रकार की कैविटी की जांच की जाती है, क्योंकि ये मुंह से गंध उत्पन्न करने का मुख्य कारण हो सकते हैं।
  4. लार का परीक्षण: मुंह का सूखापन और लार का उत्पादन कम होना भी बदबू का कारण हो सकता है, इसे भी टेस्ट किया जाता है।
  5. पेट की जांच: पेट संबंधी समस्याओं के लिए डॉक्टर गैस्ट्रोएंडोस्कोपी जैसी जांच कर सकते हैं।

पूति का उपचार

पूति का उपचार इसके कारण के आधार पर किया जाता है। कुछ सामान्य उपचार विधियां निम्नलिखित हैं:

1. दांतों की स्वच्छता में सुधार

  • सबसे महत्वपूर्ण कदम दांतों की सफाई है। दिन में दो बार ब्रश करें और नियमित रूप से फ्लॉस का उपयोग करें। यदि दांतों में कैविटी या प्लाक हो, तो दंत चिकित्सक से इलाज करवाना चाहिए।
  • माउथवॉश: एंटीबैक्टीरियल माउथवॉश का उपयोग किया जा सकता है, जो बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करता है।

2. लार का उत्पादन बढ़ाना

  • यदि मुंह में सूखापन है, तो पानी पीने से या लार उत्पादन बढ़ाने वाली दवाओं से मदद मिल सकती है।
  • चीनी रहित गम: इस से लार का उत्पादन बढ़ सकता है और बदबू कम हो सकती है।

3. पेट के इलाज के उपाय

  • यदि गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिसीज (GERD) जैसी समस्या है, तो डॉक्टर से परामर्श लें और दवाएं शुरू करें। यह उपचार आपके मुंह से आ रही बदबू को दूर करने में मदद कर सकता है।

4. धूम्रपान और तंबाकू से बचना

  • तंबाकू और धूम्रपान से पूरी तरह से बचें। इससे न सिर्फ मुंह से बदबू होती है, बल्कि यह दांतों की समस्याओं को भी बढ़ा सकता है।

5. स्वस्थ आहार और जीवनशैली

  • पोषण से भरपूर आहार लें और ताजे फल, सब्जियां और हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें। यह मुंह को ताजगी बनाए रखने में मदद करता है।
  • पर्याप्त नींद और मानसिक शांति बनाए रखें।

6. सामान्य दवाइयां और उपचार

  • डॉक्टर कुछ दवाइयां जैसे कि एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवाएं भी दे सकते हैं, अगर समस्या संक्रमण से संबंधित हो।

इंदौर में डॉक्टर और इलाज

यदि आप इंदौर में इस समस्या का इलाज करवाना चाहते हैं, तो आपको वहां के विभिन्न दंत चिकित्सकों, गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट या सामान्य चिकित्सकों से संपर्क करना चाहिए। इंदौर में इलाज के दौरान, डॉक्टर आपकी पूरी मेडिकल हिस्ट्री को ध्यान में रखते हुए उपयुक्त उपचार का सुझाव देंगे। आपको मुंह के संक्रमण, मसूड़ों की बीमारी या पेट की समस्याओं के इलाज के लिए विशेषज्ञों से परामर्श प्राप्त हो सकता है।

पूति एक सामान्य समस्या है, लेकिन समय रहते इसका उपचार करके इसे नियंत्रित किया जा सकता है। यह समस्या दांतों की खराब स्वच्छता, पेट की बीमारियों या अन्य शारीरिक समस्याओं से जुड़ी हो सकती है। सही निदान और उपचार से इस समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यदि आप इंदौर में इस समस्या का इलाज करवाना चाहते हैं, तो यहां के विशेषज्ञ चिकित्सकों से संपर्क कर सकते हैं जो आपको उचित मार्गदर्शन देंगे।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. हैलिटोसिस क्या है, और इसके कारण क्या हैं?
    हैलिटोसिस, जिसे सामान्यतः बुरी सांस के रूप में जाना जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति के मुँह से अप्रिय गंध आती है। इसके कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि खराब मौखिक स्वच्छता, दांतों की समस्याएँ जैसे कि सडन (कैविटी) और मसूड़ों की बीमारी, मुँह का सूखना, पाचन विकार, धूम्रपान, संक्रमण, या यहां तक कि शरीर की कुछ अन्य बीमारियाँ जैसे कि मधुमेह और गुर्दे की समस्याएँ।
  2. हैलिटोसिस का निदान कैसे किया जा सकता है?
    हैलिटोसिस का निदान एक स्वास्थ्य पेशेवर द्वारा शारीरिक परीक्षण के माध्यम से किया जा सकता है, जो आपके दांतों, मसूड़ों और समग्र मौखिक स्वास्थ्य की जांच करेगा। वे “वोलैटाइल सल्फर कम्पाउंड” मीटर जैसी उपकरणों का उपयोग कर सकते हैं, जो बुरी सांस के लिए जिम्मेदार यौगिकों को मापने में मदद करते हैं। यदि आवश्यक हो, तो लार विश्लेषण या पाचन तंत्र के परीक्षण भी किए जा सकते हैं।
  3. हैलिटोसिस के सामान्य उपचार क्या हैं?
    हैलिटोसिस का उपचार इसके अंतर्निहित कारण पर निर्भर करता है। सामान्य उपचारों में मौखिक स्वच्छता में सुधार (दांतों की सफाई और फ्लॉसिंग), माउथवाश का उपयोग, मुँह का सूखना रोकने के लिए हाइड्रेटेड रहना, धूम्रपान छोड़ना, पाचन समस्याओं जैसे GERD का इलाज करना, और संतुलित आहार लेना शामिल हैं। कुछ मामलों में, संक्रमण या अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवाइयाँ या एंटीबायोटिक्स निर्धारित की जा सकती हैं।
  4. क्या हैलिटोसिस किसी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का संकेत हो सकता है?
    हां, हैलिटोसिस कभी-कभी किसी गंभीर स्वास्थ्य स्थिति का संकेत हो सकता है, जैसे कि पाचन संबंधी समस्याएँ (जैसे GERD), प्रणालीगत रोग (जैसे मधुमेह या गुर्दे की बीमारी), या मौखिक संक्रमण। यदि आपके मुँह से बदबू आती है, और आप अच्छा मौखिक स्वास्थ्य बनाए रखने के बावजूद समस्या बनी रहती है, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप किसी स्वास्थ्य पेशेवर से परामर्श लें ताकि किसी गंभीर स्थिति को नकारा जा सके।
  5. मैं बुरी सांस को कैसे रोक सकता हूँ?
    बुरी सांस को रोकने के लिए, अच्छी मौखिक स्वच्छता का अभ्यास करें, नियमित रूप से दांतों की सफाई और फ्लॉसिंग करें, माउथवाश का उपयोग करें, और मुँह का सूखना रोकने के लिए हाइड्रेटेड रहें। ताजे फल और सब्जियों से भरपूर संतुलित आहार लें, धूम्रपान छोड़ें, और तनाव को नियंत्रित करने की कोशिश करें। नियमित रूप से दंत परीक्षण कराना भी महत्वपूर्ण है ताकि मौखिक स्वास्थ्य समस्याओं का जल्दी पता चल सके और उनका इलाज किया जा सके।

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